कैसे बने एक चाय वाले से देश के सबसे मजबूत प्रधान मंत्री ? BIOGRAPHY OF NARENDER MODI , FROM BIRTH TO TILL TODAY
नमस्कार दोस्तों आज में इस पोस्ट में आपको बताऊंगा हिंदुस्तान के सबसे लोकप्रिय प्रधान मंत्री श्री नरेंदर मोदी के जन्म से लेकर अब तक के जीवन कल के बारे में ,
दोस्तों नरेंदर मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधान मंत्री है जो जनता के बीच इतने लोकप्रिय हुए , श्रीमान नरेंदर मोदी जी भारत ही नहीं बल्कि अन्य बहुत सरे देशो में लोकप्रिय है ,
तो आइये शुरू करते है अपने प्यारे और निडर प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी जी की जीवन कथा ..
दोस्तों नरेंदर मोदी जी का जन्म भारत के बॉम्बे राज्य के वडनगर गांव में १७ सितम्बर १९५० को हुआ था , दोस्तों आज गुजराज और महाराष्ट्र के नाम से जाने जाते है ये दोनों मिलकर पहले बॉम्बे राज्य हुआ करते थे , जो की अब अलग अलग राज्य है , जिन्हे १ मई १९६० में अलग किया गया था ,
नरेंदर मोदी के पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी था और उनकी माता का नाम हीराबेन मोदी ,
जन्म के समय उनका परिवार बहुत गरीब था और वे एक छोटे से कच्चे मकान में रहते थे , नरेंदर मोदी अपने माता पिता की ६ सन्तानो में से तीसरे स्थान के थे ,
मोदी के पिता रेलवे स्टेशन पर छाए की एक छोटी सी दुकान चलाते थे , और उसी दुकान में नरेंदर मोदी भी हाथ बटाते थे और छाए के डिब्बे में जा जाकर चाय बेचते थे , चाय की दुकान के साथ साथ नरेंदर मोदी अपनी पढ़ाई लिखे का भी पूरा ध्यान देते थे , नरेंदर मोदी के अध्यापक बताते थे की नरेंदर मोदी पढ़ाई लिखे में तो ठीक थक छात्र थे लेकिन वे नाटकों और भाषणो बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे , साथ ही साथ उन्हें खेल खुद में भी बहुत रूचि थी , उन्होंने अपने स्कूल की पढाई अपने गांव वडनगर से की थी ,
सिर्फ १३ साल की उम्र में नरेंदर मोदी की सगाई जसोदा बेन के साथ कर दी गई , और १७ साल की उम्र में उनकी शादी हो गई ,
फाइनेंसियल एक्सप्रेस अख़बार में छपी एक खबर के अनुसार नरेंदर मोदी और जसोदा बेन ने कुछ वर्ष साथ रह कर बिताए , लेकिन कुछ समय के पश्चात नरेंदर मोदी की इच्छा से वे दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी हो गए ,
लेकिन नरेंदर मोदी के जीवन पर किताब लिखने वाले लेखक ऐसा नहीं मानते , उनका मानना है की उन दोनों की शादी जरूर हुई लेकिन वे दोनों एक साथ कभी नहीं रहे , शादी के कुछ वर्षो बाद मोदी ने घर छोड़ दिया और यही से उनका वैवाहिक जीवन लगभग समाप्त सा हो गया ,
नरेंदर मोदी का मानना है की एक शादी शुदा आदमी के मुकाबले एक अविवाहित आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्यादा शक्ति और सहनशीलता से लड़ सकता है क्योकि उसे अपनी पत्नी ,परिवार और बल बच्चो की कोई चिंता नहीं होती , बचपन से ही मोदी में देश भक्ति कूट कूट कर भरी थी
१९६२ में जब भारत और चीन का युद्ध हुआ था तब मोदी जवानो से भरी रेलगाड़ी में उनके लिए खाना लेकर जाते थे , इसी तरह १९६५ भारत और पाकिस्तान युद्ध में भी मोदी ने जवानो की खूब सेवा की थी ,
१९७१ में वे आरएसएस के प्रचारक बन गए और अपना पूरा समय आरएसएस को देने लगे वो आरएसएस के कैंप में सुबह ५ बजे उठ कर रत को देर रत तक अपनी सेवा देते थे ,
विचारक होने की वजह से मोदी जी ने गुजरात जाकर लोगो की समस्याओ को बहुत ध्यान से सुना और उन्हें गहराई से समझा , और फिर भारतीय जनता पार्टी का आधार मजबूत करने में अहम् रोल निभाया , सन १९७५ में राजनीती छेत्रो में विवाद की वजह से उस समय की प्रधान मंत्री इंद्रा गाँधी ने कई राज्यों में आपातकालीन घोषित कर दिया था और साथ ही साथ आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया था , फिर भी मोदी चोरी छिपे देश की सेवा करते रहे और सर्कार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया , उसी समय मोदी जी ने एक किताब लिखी जिसका नाम संघर्ष माँ गुजरात है इस किताब में उन्होंने गुजरात की राजनीती के बारे में जिक्र किया उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए १९८० में गुजरात विश्वविधालय से राजनीती विज्ञानं में पी जी की डिग्री प्राप्त की ,
आरएसएस में उनकी मेहनत और उनके काम को देखते हुए उन्हें भाजपा में नियुक्त किया गया , जहां उन्होंने १९९० में अयोध्या के लिए आडवाणी की रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया , उनका यह आयोजन देखकर भाजपा के सीनियर लीडर काफी प्रभावित हुए , आगे भी उनके अद्धभुत कार्य की बदौलत भाजपा में उनका महत्व बढ़ता रहा , आख़िरकार उनकी मेहनत रंग ले और उनकी पार्टी भाजपा ने गुजरात के विधान सभा के चुनाव में १९९५ में बहुमत में अपनी सरकार बना ली , लेकिन मोदी से कहा सुनी होने के बाद संकर सिंह भगेला ने पार्टी से स्थिपा दे दिया उसके बाद केशु भाई पटेल को गुजरात का मुख्य मंत्री बना दिया गया , और नरेंदर मोदी को दिल्ली बुलाकर भाजपा में संगठन के लिए केंद्रीय मंत्री का भार सौंप दिया गया , मोदी जी ने इस कर्तव्य को भी बड़ी मेहनत और लगन से निभाया ,२००१ में केशु भाई पटेल की सेहत बिगड़ने लगी थी और भाजपा चुनाव में कई साइट भी हारने लगी थी इसके बाद इसके बाद भाजपा ने अक्टूबर 2001 में केशु भाई पटेल की जगह नरेंदर मोदी को गुजरात के मुख्य मंत्री की कमान सौंप दी ,
नरेंद्र मोदी ने मुख्य मंत्री का अपना पहला कार्यकाल ७ अक्टूबर २००१ से शुरू किया , इसके बाद मोदी ने राजकोट विधान सभा चुनाव लड़ा जिसमे उन्होंने कांग्रेस पार्टी की अश्विन मेहता को बड़े अंतर से हराया , मुख्य मंत्री पद पर रहते हुए मोदी ने बहुत ही अच्छे तरीके से अपने कार्यो संभाला और गुजरात को फिर से मजबूत कर दिया , गुजरात में मोदी ने गांव गांव तक बिजली पहुचाई टूरिज्म को बढ़ावा दिया , देश में पहली बार किसी राज्य की सभी नदियों को एक साथ जोड़ा गया जिससे राज्य की पानी की समस्या सुलझ गयी , और एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क का निर्माण भी गुजरात में ही हुआ , इन सबके आलावा भी उन्होंने बहुत सरे अद्भुत कार्य किये और देखते ही देखते गुजरात भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बन गया , इसी के साथ नरेंदर मोदी गुजरात के सबसे लोकप्रिय और सबसे अच्छे मुख्य मंत्री बन गए , लेकिन उसी बीच मार्च २००२ में गुजरात के गोधरा कांड से नरेंदर मोदी का नाम जोड़ा गया , इस काम के लिए नूयार्क टाइम ने मोदी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया , और फिर कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दलों ने उनके स्तीफे की मांग की , दोस्तों गोधरा कांड में २७ फरवरी २००२ को गुजरात के गोधरा शहर में रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस६ कोच में आग लगाए जाने के बाद ५९ लोगो की मोत हो गयी थी , जिसके बाद पुरे गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे होने शुरू हो गए , और फिर २८ फरवरी २००२ को गुजरात के कई इलाको में दंगा बहुत ज्यादा भड़क गया जिसमे १२०० से भी अधिक लोग मारे गए , इसके बाद इस घटना की जाँच के लिए उच्चतम न्यालय ने विशेष जाँच दाल बनाया , और फिर दिसंबर २०१० में जाँच दाल के आधार पर फैसला सुनाया की इन दंगो में नरेंदर मोदी के खिलाफ नरेंदर मोदी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला ,
नरेंदर मोदी ने गुजरात में ऐसे कई हिन्दू मंदिरो को धवस्त कराया जो सरकारी कायदे कानूनों के मुताबिक नहीं बने थे हलाकि इसके लिए उन्हें विश्व हिन्दू परिसद जैसे संगठनों का भी विरोध झेलना पड़ा लेकिन उन्होंने इसकी थोड़ी सी भी परवाह नहीं की और देश के लिए जो सही था उसे ही करते रहे
उनके अच्छे निर्णय और उनके काम की वजह से गुजरात के लोगो ने उन्हें लगातार चार बार मुख्य्मंत्री बनाया , मोदी की लोकप्रियता और उनके कार्यो को देखकर बीजेपी के सीनियर नेताओ ने मोदी जी को २०१४ के लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री का उम्मीदवार घोषित किया ,जिसके लिए मोदी ने पुरे भारत में बहुत रेलिया की और अपने विचारो से देश की जनता को अवगत कराया ,
मोदी ऐसे पहले प्रधानमत्री कैंडिडेट है जिन्होंने सोशल मिडिया का भी भरपूर लाभ उठाया और आज भी मोदी पुरे विश्व में सिर्फ एक दो लोगो को छोड़कर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने व्यक्ति है , मोदी के अद्धभुत विकास शील कार्य , उनके काम करने का ढंग , उनके लोकप्रिय भाषण और देश के लिए उनकी सकारात्मक सोच के कारन उन्हें भरी मात्रा में वोट मिले और वे देश के पंद्रहवे प्रधानमंत्री बने अपने इस कार्य कल में वो देश ही नहीं विदेश में भी बहुत प्रशिद हुए और ये मोदी की मेहनत ही है जो उनके कामो को देखकर वो लोग भी एक हो गए जो कभी २० -२५ सालो से एक दूसरे के दुश्मन के रूप में देखे जाते थे , हाल ही के चुनाव साल २०१९ के लोकसभा चुनाव में मोदी जी के खिलाफ महा गठबंधन बना जिसमे पुरे देश और विपक्ष के नेता मोदी जी के खिलाफ खड़े हो गए ,
लेकिन जनता सब जानती थी और इस बार मोदी जी को साल २०१४ से भी ज्यादा सीटे मिली और उन्होंने ३० मई को फिर से प्रधानमंत्री की सपथ ली और प्रधानमत्री का पद संभाला ,
आशा करते है की इस बार वो देश को दुनिया में और भी मजबूत बनाएंगे ,
तो दोस्तों ये थी हमारे महान प्रधान मंत्री श्री नरेंदर मोदी जी की जीवन की पूरी जानकारी आशा करते है की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी ,
दोस्तों आपके कमेंट की आशा रहेगी कृपया हमे जरूर बताए की आपको ये पोस्ट कैसी लगी ,
नरेंदर मोदी की जीवन कथा , कैसे बने एक चाय वाले से देश के सबसे मजबूत प्रधान मंत्री ?
दोस्तों नरेंदर मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधान मंत्री है जो जनता के बीच इतने लोकप्रिय हुए , श्रीमान नरेंदर मोदी जी भारत ही नहीं बल्कि अन्य बहुत सरे देशो में लोकप्रिय है ,
तो आइये शुरू करते है अपने प्यारे और निडर प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी जी की जीवन कथा ..
दोस्तों नरेंदर मोदी जी का जन्म भारत के बॉम्बे राज्य के वडनगर गांव में १७ सितम्बर १९५० को हुआ था , दोस्तों आज गुजराज और महाराष्ट्र के नाम से जाने जाते है ये दोनों मिलकर पहले बॉम्बे राज्य हुआ करते थे , जो की अब अलग अलग राज्य है , जिन्हे १ मई १९६० में अलग किया गया था ,
नरेंदर मोदी के पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद मोदी था और उनकी माता का नाम हीराबेन मोदी ,
जन्म के समय उनका परिवार बहुत गरीब था और वे एक छोटे से कच्चे मकान में रहते थे , नरेंदर मोदी अपने माता पिता की ६ सन्तानो में से तीसरे स्थान के थे ,
मोदी के पिता रेलवे स्टेशन पर छाए की एक छोटी सी दुकान चलाते थे , और उसी दुकान में नरेंदर मोदी भी हाथ बटाते थे और छाए के डिब्बे में जा जाकर चाय बेचते थे , चाय की दुकान के साथ साथ नरेंदर मोदी अपनी पढ़ाई लिखे का भी पूरा ध्यान देते थे , नरेंदर मोदी के अध्यापक बताते थे की नरेंदर मोदी पढ़ाई लिखे में तो ठीक थक छात्र थे लेकिन वे नाटकों और भाषणो बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे , साथ ही साथ उन्हें खेल खुद में भी बहुत रूचि थी , उन्होंने अपने स्कूल की पढाई अपने गांव वडनगर से की थी ,
सिर्फ १३ साल की उम्र में नरेंदर मोदी की सगाई जसोदा बेन के साथ कर दी गई , और १७ साल की उम्र में उनकी शादी हो गई ,
फाइनेंसियल एक्सप्रेस अख़बार में छपी एक खबर के अनुसार नरेंदर मोदी और जसोदा बेन ने कुछ वर्ष साथ रह कर बिताए , लेकिन कुछ समय के पश्चात नरेंदर मोदी की इच्छा से वे दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी हो गए ,
लेकिन नरेंदर मोदी के जीवन पर किताब लिखने वाले लेखक ऐसा नहीं मानते , उनका मानना है की उन दोनों की शादी जरूर हुई लेकिन वे दोनों एक साथ कभी नहीं रहे , शादी के कुछ वर्षो बाद मोदी ने घर छोड़ दिया और यही से उनका वैवाहिक जीवन लगभग समाप्त सा हो गया ,
नरेंदर मोदी का मानना है की एक शादी शुदा आदमी के मुकाबले एक अविवाहित आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ ज्यादा शक्ति और सहनशीलता से लड़ सकता है क्योकि उसे अपनी पत्नी ,परिवार और बल बच्चो की कोई चिंता नहीं होती , बचपन से ही मोदी में देश भक्ति कूट कूट कर भरी थी
१९६२ में जब भारत और चीन का युद्ध हुआ था तब मोदी जवानो से भरी रेलगाड़ी में उनके लिए खाना लेकर जाते थे , इसी तरह १९६५ भारत और पाकिस्तान युद्ध में भी मोदी ने जवानो की खूब सेवा की थी ,
१९७१ में वे आरएसएस के प्रचारक बन गए और अपना पूरा समय आरएसएस को देने लगे वो आरएसएस के कैंप में सुबह ५ बजे उठ कर रत को देर रत तक अपनी सेवा देते थे ,
विचारक होने की वजह से मोदी जी ने गुजरात जाकर लोगो की समस्याओ को बहुत ध्यान से सुना और उन्हें गहराई से समझा , और फिर भारतीय जनता पार्टी का आधार मजबूत करने में अहम् रोल निभाया , सन १९७५ में राजनीती छेत्रो में विवाद की वजह से उस समय की प्रधान मंत्री इंद्रा गाँधी ने कई राज्यों में आपातकालीन घोषित कर दिया था और साथ ही साथ आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया था , फिर भी मोदी चोरी छिपे देश की सेवा करते रहे और सर्कार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया , उसी समय मोदी जी ने एक किताब लिखी जिसका नाम संघर्ष माँ गुजरात है इस किताब में उन्होंने गुजरात की राजनीती के बारे में जिक्र किया उन्होंने आरएसएस के प्रचारक रहते हुए १९८० में गुजरात विश्वविधालय से राजनीती विज्ञानं में पी जी की डिग्री प्राप्त की ,
आरएसएस में उनकी मेहनत और उनके काम को देखते हुए उन्हें भाजपा में नियुक्त किया गया , जहां उन्होंने १९९० में अयोध्या के लिए आडवाणी की रथ यात्रा का भव्य आयोजन किया , उनका यह आयोजन देखकर भाजपा के सीनियर लीडर काफी प्रभावित हुए , आगे भी उनके अद्धभुत कार्य की बदौलत भाजपा में उनका महत्व बढ़ता रहा , आख़िरकार उनकी मेहनत रंग ले और उनकी पार्टी भाजपा ने गुजरात के विधान सभा के चुनाव में १९९५ में बहुमत में अपनी सरकार बना ली , लेकिन मोदी से कहा सुनी होने के बाद संकर सिंह भगेला ने पार्टी से स्थिपा दे दिया उसके बाद केशु भाई पटेल को गुजरात का मुख्य मंत्री बना दिया गया , और नरेंदर मोदी को दिल्ली बुलाकर भाजपा में संगठन के लिए केंद्रीय मंत्री का भार सौंप दिया गया , मोदी जी ने इस कर्तव्य को भी बड़ी मेहनत और लगन से निभाया ,२००१ में केशु भाई पटेल की सेहत बिगड़ने लगी थी और भाजपा चुनाव में कई साइट भी हारने लगी थी इसके बाद इसके बाद भाजपा ने अक्टूबर 2001 में केशु भाई पटेल की जगह नरेंदर मोदी को गुजरात के मुख्य मंत्री की कमान सौंप दी ,
नरेंद्र मोदी ने मुख्य मंत्री का अपना पहला कार्यकाल ७ अक्टूबर २००१ से शुरू किया , इसके बाद मोदी ने राजकोट विधान सभा चुनाव लड़ा जिसमे उन्होंने कांग्रेस पार्टी की अश्विन मेहता को बड़े अंतर से हराया , मुख्य मंत्री पद पर रहते हुए मोदी ने बहुत ही अच्छे तरीके से अपने कार्यो संभाला और गुजरात को फिर से मजबूत कर दिया , गुजरात में मोदी ने गांव गांव तक बिजली पहुचाई टूरिज्म को बढ़ावा दिया , देश में पहली बार किसी राज्य की सभी नदियों को एक साथ जोड़ा गया जिससे राज्य की पानी की समस्या सुलझ गयी , और एशिया के सबसे बड़े सोलर पार्क का निर्माण भी गुजरात में ही हुआ , इन सबके आलावा भी उन्होंने बहुत सरे अद्भुत कार्य किये और देखते ही देखते गुजरात भारत का सबसे बेहतरीन राज्य बन गया , इसी के साथ नरेंदर मोदी गुजरात के सबसे लोकप्रिय और सबसे अच्छे मुख्य मंत्री बन गए , लेकिन उसी बीच मार्च २००२ में गुजरात के गोधरा कांड से नरेंदर मोदी का नाम जोड़ा गया , इस काम के लिए नूयार्क टाइम ने मोदी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया , और फिर कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दलों ने उनके स्तीफे की मांग की , दोस्तों गोधरा कांड में २७ फरवरी २००२ को गुजरात के गोधरा शहर में रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस६ कोच में आग लगाए जाने के बाद ५९ लोगो की मोत हो गयी थी , जिसके बाद पुरे गुजरात में साम्प्रदायिक दंगे होने शुरू हो गए , और फिर २८ फरवरी २००२ को गुजरात के कई इलाको में दंगा बहुत ज्यादा भड़क गया जिसमे १२०० से भी अधिक लोग मारे गए , इसके बाद इस घटना की जाँच के लिए उच्चतम न्यालय ने विशेष जाँच दाल बनाया , और फिर दिसंबर २०१० में जाँच दाल के आधार पर फैसला सुनाया की इन दंगो में नरेंदर मोदी के खिलाफ नरेंदर मोदी के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला ,
नरेंदर मोदी ने गुजरात में ऐसे कई हिन्दू मंदिरो को धवस्त कराया जो सरकारी कायदे कानूनों के मुताबिक नहीं बने थे हलाकि इसके लिए उन्हें विश्व हिन्दू परिसद जैसे संगठनों का भी विरोध झेलना पड़ा लेकिन उन्होंने इसकी थोड़ी सी भी परवाह नहीं की और देश के लिए जो सही था उसे ही करते रहे
उनके अच्छे निर्णय और उनके काम की वजह से गुजरात के लोगो ने उन्हें लगातार चार बार मुख्य्मंत्री बनाया , मोदी की लोकप्रियता और उनके कार्यो को देखकर बीजेपी के सीनियर नेताओ ने मोदी जी को २०१४ के लोकसभा चुनाव में प्रधान मंत्री का उम्मीदवार घोषित किया ,जिसके लिए मोदी ने पुरे भारत में बहुत रेलिया की और अपने विचारो से देश की जनता को अवगत कराया ,
मोदी ऐसे पहले प्रधानमत्री कैंडिडेट है जिन्होंने सोशल मिडिया का भी भरपूर लाभ उठाया और आज भी मोदी पुरे विश्व में सिर्फ एक दो लोगो को छोड़कर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने व्यक्ति है , मोदी के अद्धभुत विकास शील कार्य , उनके काम करने का ढंग , उनके लोकप्रिय भाषण और देश के लिए उनकी सकारात्मक सोच के कारन उन्हें भरी मात्रा में वोट मिले और वे देश के पंद्रहवे प्रधानमंत्री बने अपने इस कार्य कल में वो देश ही नहीं विदेश में भी बहुत प्रशिद हुए और ये मोदी की मेहनत ही है जो उनके कामो को देखकर वो लोग भी एक हो गए जो कभी २० -२५ सालो से एक दूसरे के दुश्मन के रूप में देखे जाते थे , हाल ही के चुनाव साल २०१९ के लोकसभा चुनाव में मोदी जी के खिलाफ महा गठबंधन बना जिसमे पुरे देश और विपक्ष के नेता मोदी जी के खिलाफ खड़े हो गए ,
लेकिन जनता सब जानती थी और इस बार मोदी जी को साल २०१४ से भी ज्यादा सीटे मिली और उन्होंने ३० मई को फिर से प्रधानमंत्री की सपथ ली और प्रधानमत्री का पद संभाला ,
आशा करते है की इस बार वो देश को दुनिया में और भी मजबूत बनाएंगे ,
तो दोस्तों ये थी हमारे महान प्रधान मंत्री श्री नरेंदर मोदी जी की जीवन की पूरी जानकारी आशा करते है की आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी ,
दोस्तों आपके कमेंट की आशा रहेगी कृपया हमे जरूर बताए की आपको ये पोस्ट कैसी लगी ,
नरेंदर मोदी की जीवन कथा , कैसे बने एक चाय वाले से देश के सबसे मजबूत प्रधान मंत्री ?
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