देश का पहला रेलवे स्टेशन, जिसे केवल महिलाएं चलाती हैं, वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
हमारे देश की महिलाएं समय-समय पर अपने सशक्तिकरण का परिचय देती रही हैं। पुरुषों के साथ उन्हें कंधे से कंधा मिलाकर चलते देखना अब जैसे सामान्य बात है। लेकिन क्या आपने कबी सोचा है कि ऐसा भी एक क्षेत्र हो सकता है जहां पूरी जिम्मेदारी केवल और केवल महिलाओं को कंधों पर ही हो। आपको बता रहे हैं देश के ऐसे पहले रेलवे स्टेशन के बारे में जो सिर्फ महिलओं द्वारा संचालित होता है।
मुंबई का माटुंगा रेलवे स्टेशन देश का पहला रेलवे स्टेशन है जो सिर्फ महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। इसकी इस खासियत के कारण स्टेशन का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। यह स्टेशन साल 2017 के जुलाई माह से केवल महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है।
इस स्टेशन पर कुल 41 महिलाएं कार्यरत हैं जिनमें 17 बुकिंग क्लर्क, 6 आरपीएफ पर्सनल, 8 टिकट चेकर, 5 प्वाइंट पर्सन, दो रेलवे उद्घोषक और 2 क्लीनिंग स्टाफ शामिल हैं। ममता कुलकर्णी यहां की स्टेशन मैनेजर हैं, जिनकी देखरेख में सभी कर्मचारी काम करती हैं।
माटुंगा मुंबई का एजुकेशनल हब माना जाता है। यह इलाका दादर और साइन के बीच स्थित है। हालांकि इस इलाके में महिलाओं के लिए तमाम चुनौतियां हैं, लेकिन इसके बावजूद वे एक साथ मिलकर इस स्टेशन को सुचारु रूप से चला रही हैं।
साल 1992 में ममता कुलकर्णी मुंबई डिविजन की पहली महिला स्टेशन मास्टर बनीं थीं। अब उन्हीं के देखरेख में अनेक महिला स्टाफ मिलकर इस रेलवे स्टेशन का परिचालन कर रही हैं। स्टेशन पर जो सबसे ज्यादा चुनौतियों वाले काम होते हैं, उनमें से एक होता है टिकट चेकिंग। स्टेशन में मौजूद महिला टिकट चेकर इस काम को भी बेहद सहजता के साथ करती नजर आतीं हैं।
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