ट्रैक्टर पानी से चलेंगे, पंजाब में नई किट की लॉन्चिग फरवरी में: ईंधन खर्च आधा रह जाएगा
- गुजरात के वैज्ञानिकों और जिमपेक्स बायो टेक्नोलॉजी ने इस तकनीक को विकसित किया
- इसके तहत हाइड्रोजन फ्यूल का इस्तेमाल होगा, खपत और प्रदूषण कम करने में कारगर
- 35 हॉर्स पावर से लेकर 90 हॉर्स पावर तक के ट्रैक्टर्स पर ये किट लगाई जा सकेगी
- भविष्य में ट्रैक्टर डीजल की बजाय पानी से चलेंगे। गुजरात के वैज्ञानिकों और जिमपेक्स बायो टेक्नोलॉजी के मिहिर जय सिंह ने इसके लिए एक किट तैयार की है। इसका फरवरी में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके इस्तेमाल से न सिर्फ देश में किसान की खेती का खर्च कम होगा, बल्कि वायू प्रदूषण में भी भारी कमी आएगी।35 हॉर्स पावर से लेकर 90 हॉर्स पावर तक के ट्रैक्टर्स पर ये किट लगाई जा सकेगी। किट डीजल इंजन के साथ अलग से लगाई जा सकेगी। पाइप के जरिये इंजन में हाइड्रोजन फ्यूल जाएगा जो इंजन में दूसरे फ्यूल की खपत को भी कम करेगा और इंजन को भी ज्यादा ताकत देगा। उन्होंने कहा कि नई किट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे ट्रैक्टरों के जरिये होने वाला प्रदूषण बहुत ही कम हो जाएगा। ये किट एच 2 ईंधन सेल हाइब्रिड सिस्टम से बनी हैं। इस टेक्नोलॉजी के कई फायदे हैं और आने वाले समय में कंपनी की ओर से इसे और कई मशीनों एवं इंजनों में इस्तेमाल किया जाएगा। हमारी कंपनी के साथ उनकी कंपनी जिमपेक्स बायो टेक्नोलॉजी का टाई अप है। महाराष्ट्र सरकार से भी उनका करार हुआ है लेकिन इसे देश में पहली बार पंजाब में पेश किया जाएगा।
- एच-2 ईंधन सेल हाईब्रिड सिस्टम टेक्नोलॉजी क्या है ?एच 2 ईंधन सेल हाईब्रिड सिस्टम हाइड्रोजन डिवाइस और ऑक्सीजन का (2:1) मिश्रण है। ये जनरेटिंग सेट की एफिशिएंसी बढ़ाता है। यह सिस्टम अन्य पेट्रोलियम आधारित ईंधनों का हाईब्रिड है। जो इसे पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करेगा। सिस्टम से बनी किट को बिना इंजन में कोइ कट या बदलाव किए लगाया जा सकता है। डिवाइस कभी भी बंद कर सकते हैं। इंजन फिर भी चलता रहेगा। इससे डीजल की बचत 40% और मानक डीजल इंजन के अनुसार 50% तक होने का दावा है।
- एच-2 ईंधन सेल हाइब्रिड सिस्टम टेक्नोलॉजी के लाभ
- ईंधन तेजी से जलता है।
- इंजन के तापमान को ठंडा करती है।
- इंजन को साफ कर सकती है।
- इंजन के हॉर्स पावर को बढ़ाती है।
- ईंधन की माइलेज बढ़ाती है।
- अधजले ईंधन पूर्णतः जलाती है।
- कार्बन के जमाव को खत्म करती है।
- इंजन की लाइफ को भी बढ़ाती है।
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