फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने की प्रक्रिया
फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने की प्रक्रिया को तीन चरणों में बाटा गया हे.
1 . Mixing Process –
पहले रॉ मटेरियल को ट्राली के द्वारा Pre Hopper Box में डाला जाता हे और बेल्ट द्वारा मिक्सिंग के लिए पेन में भेजा जाता हे. जहां सीमेंट एवं पानी मिलाकर इसमें लगभग पांच मिनट तक अच्छी तरह मिलाया जाता हे. फ्लाई ash ब्रिक्स निर्माण प्रक्रिया में मिक्सिंग अत्यंत महत्वपूर्ण चरण हे और मिक्सिंग एक समान करने के लिए पेन mixture के भीतर स्किपर एवं रोलर लगे होते हे जो पूरी Efficiency के साथ raw material को मिक्स करते हे।
2. Hydroulic Pressing Process –
Mixing की प्रक्रिया होने के बाद मिक्स Raw Material को बेल्ट द्वारा हॉपर में एकत्रित किया जाता हे. यहाँ से plc control द्वारा निर्धारित मात्रानुसार raw material को प्रेस मशीन में भेजा जाता हे. Press मशीन में भेजे गए raw material को फीडर trolly द्वारा हाई ग्रेड EN31 materials द्वारा बनाए गए moulds में भरा जाता हे , उसके बाद heavy cylinder से प्रेस करके fly ash bricks को निकाला जाता हे। क्यू ग्रीन techcon की यह मशीन फुल्ली आटोमेटिक हे। इस मशीन को जरूरियात के हिसाब से ऑटो या मैन्युअल मोड़ में चलाया जाता हे. Hydrulic सिलिंडर एक minute में 6 stroke लेते हे और ईंट मोल्ड पर प्रेस की जाती हे जिससे उच्च quality की मजबूत ईंट बनती हे.
3. Curing Process –
ईंट मोल्ड में प्रेस होने के बाद फीडर ट्राली के द्वारा पटरी पर भेजी जाती हे. इस तरह तैयार हुई flyash ईंटेा को छाँव के अंदर 24 घंटे रखा जाता हे , उसके बाद 15 -18 दिनों तक खुले में रखा जाता हे और दिन में २ बार पानी डाला जाता हे. बाद में flyash ईंटे पूरी तरह तैयार हे, आपके घरो और बिल्डिंग को बनाने के लिए.
अभी देखते हे यह बिज़नेस स्टार्ट करने के लिया क्या आवश्यक हे. ये बिज़नेस शुरू करने के लिए मशीन की क्षमता अनुसार 20000 से 50000 square feet की जमीन की आवशयकता होती हे. ये पूरा प्लांट चलाने के लिए 15 से 20 मजदुर के सहयोग से 7000 से 20000 ईंट प्रति 8 घंटे में बनाए जा सकते हे. यह मशीन 1000 इंट से, 10000 ईंट प्रति घंटा तक का निर्माण होता हे. यह कंपनी अलग अलग रेंज में अलग अलग capacity की मशीन तैयार करती हे. जिसकी price 13 लाख से शुरू होती हे। Raw matreial के लिए पॉवरप्लांट में से fly ash easily आप ले सकते हो. क्योकि हरेक पॉवरप्लांट से 1 मेगा वाट बिजली बनाने पर 7 से 8 टन फ्लाई ऐश निकलती हे. फ्लाई ऐश ब्रिक मेकिंग प्रोजेक्ट नॉन polluting ग्रीन प्रोजेक्ट हे जो समाज को एवम देश के लिए उपकारी हे और यह प्रोजेक्ट पर अलग अलग स्टेट में सब्सिडी भी उपलब्ध हे.
पढ़ें- कितने इन्वेस्टमेंट की है जरूरत...
कोयले की राख की होती है सबसे ज्यादा जरूरत फ्लाई एश ईंट बनाने में सबसे ज्यादा जरूरत एश यानी राख की होती है। यह राख कोयले से बिजली पैदा करने वाले प्लांट से मिलती है। मेरठ के फ्लाई एश ईंट के कारोबारी जयदीप राजपूत ने बताया कि एनटीपीसी के प्लांट पर यह राख प्रदूषण को देखते हुए इस राख को फ्री में देते हैं। केवल इसे अपने प्लांट तक लाने के लिए जो खर्च होता है बस वही इसकी कीमत होती है। ईंट बनाने के लिए 55 फीसदी फ्लाई एश, 35 फीसदी रेत और 10 फीसदी सीमेंट की जरूरत होती है। इसके अलावा 65 फीसदी फ्लाई एश, 20 फीसदी रेत, 10 फीसदी चूना और 5 फीसदी जिप्सम के मिक्चर से भी ईंट बनाई जाती है। आगे पढ़ें- 2 से 2.5 रुपए आता है खर्च2 से 2.5 रुपए आता है खर्च कारोबारी जयदीप राजपूत ने बताया कि फ्लाई एश की एक ईंट बनाने में खर्च लगभग 2 से 2.5 रुपए आता है। यह खर्च अलग-अलग जगहों के हिसाब से अलग हो जाता है। जयदीप के यहां हरियाणा के अंबाला से ही राख आती है। वहीं के डीलर इस एश (राख) को पहुंचाते हैं। जयदीप ने बताया कि वे अपनी मशीन से सीमेंट ब्लॉक, इंटरलॉकिंग टाइल्स आदि भी बनाते हैं। जिसकी जरूरत होती है वही माल तैयार कर लिया जाता है। आगे जानें- कितनी होती है इनकम....1 लाख रुपए से शुरू होती है इनकम फ्लाई एश की ईंट की भी बाजार में सामान्य ईंटों के बराबर ही कीमत है। यह लगभग 4 रुपए से 5 रुपए प्रति ईंट तक बिकती है। यदि प्लांट दूर है तो कीमत बढ़ जाती है। कारोबारी जयदीप राजपूत बताते हैं कि जब ईंट को पूरी तरह से सूखकर तैयार होने में 28 दिन का समय लगता है। इसके बाद इसकी बिक्री शुरू होती है। एक महीने में अगर आप 50 हजार ईंट भी बेचते हैं तो आप आसानी से 1 लाख रुपए की इनकम कर सकते हैं। जबकि, 50 हजार ईंट आप केवल 5 से 6 घंटे में तैयार कर लेते हैं। जयदीप के अनुसार इस समय इन ईंटों की मांग बहुत है तो आसानी से एक महीने में 1.5 से 2.5 लाख ईंट बिक जाती हैं।
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