मुसलमान धर्म में खतना की प्रथा "कब" से और "क्यों" शुरू हुई?
खतना पर कोरा पर कम से पचास बार जवाब दिया जा चुका है। लेकिन खतना पर लोगों की जिज्ञासा अभी भी बनी हुई है।
खतना मुसलमानों इसाईयों (सीमित) और यहूदियों में प्रचलित एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें पुरुष के शिश्न के अग्र भाग के ऊपर की त्वचा शल्यक्रिया के बाद हटा दी जाती है। ऊपर का चित्र देखें।
कुछ रोचक बातें खतना के बारे में:-
- खतना सिपाहियों के द्वारा भी करवाया जाता है कुछ विशिष्ट सुरक्षा समूहों में । स्वच्छता की दृष्टि से।
- खतना करवाये हुए पुरुषों में सिर्फ68% ही मुसलमान हैं।
- खतना करवाने से एड्स से बचने की संभावना 5% बढ़ जाती है।
- खतना करवाने से स्वच्छता 20% बेहतर हो जाती है।
- शारीरिक संबंधों मे आवश्यक संवेदनशीलता में 25% की कमी आ जाती है। यह प्रकृति के विरुद्ध है।
- यह मानवाधिकार उलंघन का मामला है लेकिन उठाये कौन?
- अफ्रीका के कुछ भागों में, अग्र-त्वचा ब्राण्डी में डुबोकर मरीज़ द्वारा व खतना करने वाले व्यक्ति द्वारा खाई जा सकती है या पशुओं को खिलाई जा सकती है।
- यहूदी कानून के अनुसार, ब्रिट मिलाह (Brit milah) के बाद अग्र-त्वचा को दफना दिया जाना चाहिये।
- कुछ अफ्रीकी देशों में कटी हुई त्वचा से धार्मिक उपयोग में आने वाली थैलियां भी बनाई जाती हैं।
- क्या मनुष्य के गुणसूत्रों में कुछ बदलाव करके यह संभव है कि अनावश्यक त्वचा शरीर द्वारा बनाई ही न जाय? इस पर भी रिसर्च हो रही है।
- खतना करने के नये तरीके भी खोजे गये हैं जिसमें दर्द कम होता है और खून भी नहीं बहता। लेकिन उन्हें पसंद नहीं किया जाता।
- पूरी प्रक्रिया वैज्ञानिक है। सऊदी अरबिया के रेगिस्तानों में स्वच्छता के लिए बहुत लाभप्रद ।
चित्र और तथ्य स्रोत:- विकीपीडिया और लोककथा
एडिट 1:- एक प्रश्न खंड अनुत्तरित रह गया।कब से खतने की प्रथा आरम्भ हुई? प्रागैतिहासिक काल की गुफा चित्रों में इसका उल्लेख मिलता है। ओल्ड टेस्टामेंट के अब्राहम युग से बहुत पहले से ही चलती आई है यह प्रथा। 500 बीसी से इसका उल्लेख मिलता है। यहूदियों की मान्यता के अनुसार यह करीब 4000 सालों से प्रचलन में है।
क्यों करना जरूरी समझा गया:- कनाडियन मेडिकल जर्नल में दो वजहों का उल्लेख है। स्वच्छता और कामेच्छा दमन यही दो कारण बताये गये हैं। कामवासनाओं का शैतान आपको कम परेशान करे इसलिए इसकी शुरुआत की गई।
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