बिना हाथों के कार ड्राइविंग करने वाली देश की पहली ड्राइवर, दो साल पहले इन्हें लाइसेंस मिला था
इडुक्की जिले में रहने वाली 28 साल की जिलुमल मैरियट थॉमस थैलिडोमाइड सिंड्रोम से पीड़ित हैं थैलिडोमाइड सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, इसके कारण बच्चों के हाथ-पैर को विकास ठीक से नहीं होता है केरल के इडुक्की जिले में थोडुपुझा शहर के नजदीक करीमनूर गांव की रहने वाले 28 साल जिलुमल मैरियट थॉमस देश की पहली ऐसी महिला कार ड्राइवर हैं, जो बिना हाथों के भी ड्राइव करती हैं। उन्हें 2018 के आखिर में कोर्ट के आदेश पर लाइसेंस मिला था। ड्राइविंग के लिए जिमुमल अपने पैरों को इस्तेमाल करती हैं। वह थैलिडोमाइड सिंड्रोम से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण बच्चों में हाथ-पैर का विकास सामान्य नहीं होता है। जिलुमल मैरियट विएनी प्रिटिंग्स में ग्राफिक डिजाइनर हैं। उनके पिता किसान और मां हाउसवाइफ हैं। उन्हें बचपन से ही कार चलाने को सौंप था। उन्होंने डिजाइनिंग के काम के साथ-साथ एर्नाकुलम यंग वुमन क्रिश्चियन एसोसिएशन को जॉइन किया था। इसकी चार दीवारी के अंदर उन्होंने कार चलाने का अभ्यास किया। इसके बाद मैरियट थॉमस 2014 में पहली बार थोडुपुजा आरटीओ ऑफिस गईं और अधिकारियों से लाइसेंस लेने की लिए आवेदन मां...