Heart Attack symptoms , advice and precaution , हार्ट अटैक के लक्षण , बचाव , हार्ट अटैक क्यों होता है
नमस्कार दोस्तों आज हार्ट अटैक की समस्या बहुत ही ज्यादा हो रही है पहले ये माना जाता था की हार्ट अटैक 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगो को होता है लेकिन अब ऐसा नहीं है अब 20 साल के लड़के लड़कियों को भी हार्ट अटैक हो रहा है और उनकी जान जा रही है , ऐसे मे बहुत से लोगो के कुछ सवाल होते है की हार्ट अटैक आने से पहले क्या हमारा शरीर कुछ संकेत देता है या ऐसे ही हो जाता है , ऐसे मे इसका जवाब है की बॉडी कुछ संकेत देती है जिन्हे हम नजर अंदाज करते है , वो क्या है वो हम इस पोस्ट मे आगे बताएंगे , दूसरा सवाल आता है की क्या hart atack कौन से कुछ काम है जिन्हे हार्ट अटैक आने पर करने से जान बचने की संभावनाए है , तीसरा सवाल है की ज्यादातर हार्ट अटैक बाथरूम या शौचालय मे ही क्यों होते है और भी कई सारे सवाल हमने इस पोस्ट मे लिए है जिनसे आपको काफी कुछ न्य सिखने को मिलेगा और जरुरत पड़ने पर आपके काम आएगा ,
तो शुरू करते है सबसे पहले सवाल से जिसमे हम बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिन्हे आप emergency के समय करके आराम पा सकते है और डॉक्टर तक पहुंचने के समय आपको मिल सकता है ,
सबसे पहले आपको बता दे की हार्ट अटैक 2 तरह के होते है 1 , Major heart attack , 2 , Minar heart अटैक,
1 , Major heart attack : यह बहुत ही खतरनाक होता है और इसमें बचने की संभावनाए ना के बराबर होती है क्योकि यह पर कुछ ही सेकंड में मौत हो जाती है , कई बार तो पता भी नहीं चलता , इंसान बैठे बैठे गिर जाता है , चलता चलता गिर जाता है , मतलब संभाले का कोई मौका नहीं होता है , Post के आखरी मे आपको बताएंगे की ये क्यों होता है ,
2 , Minar heart attack : इस तरह के हार्ट अटैक मे छाती मे दर्द होना शुरू हो जाता है और बढ़ता ही चला जाता है लेकिन इससे कुछ उपायों से बचा जा सकता है वो सभी हमने आपको निचे दे दिए है ,
जब हार्ट अटैक आए तो सबसे पहले इन बातों का ख्याल रखें ताकि थोड़ी देर तक रोका जा सके, जो इस प्रकार हैं:-
1. जब हार्ट अटैक का कोई दर्द या लक्षण दिखाई दें तो सबसे पहले Bed पर या जमीन पर सीधे लिटा दें। पैरों को ऊंचाई पर रखें ताकि ब्लड की Supply हार्ट की ओर होने लगें।
2. जोर-जोर से खांसी कराने का प्रयास करें।
3. छाती को बार-बार दबाने की पूरी कोशिश करें।
4. धीरे-धीरे लंबी सांस लेने को कहें, जिससे आक्सीजन की मात्रा शरीर में प्रवेश करें।
5. रिलैक्स रहने दें और कम हिलजुल करें।
6. अगर उल्टी आती महसूस हो रही हो तो इसे कराने की पूरी कोशिश करें।
7. अगर छाती में दर्द महसूस हो रहा हो तो एस्प्रिन या डिस्प्रिन की गोली दे सकते हैं।
8. अपने नजदीकी रिश्तेदार, डाक्टर या एम्बुलेंस को फोन करें।
सवाल 2 ,
हार्ट अटैक आने से पहले कौन-से 3 संकेतों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए?
ऐसे तीन संकेत जो आपकी जान बचा सकते हैं। इसे कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं:-
1. जब आप पैदल चलते हैं तो आप को पहले से अधिक पसीना आने लगता है।
2. सांस लेने में दिक्कत आने लगती है।
3. छाती और बाएं कंधे में दर्द होने के बाद धीरे-धीरे हाथों की तरफ दर्द जाने लगता है।
हार्ट अटैक से पहले हमारा शरीर कुछ सहमकत देता है अगर आपके साथ कभी ऐसा होने लगे तो आपको सँभालने की जरुरत है और तुरंत doctor की सलाह ले इस तरह के संकेतों को नज़र अंदाज़ न करें और तुरंत ही डाक्टर से संपर्क करें।
1 कुछ दिन पहले शारीरिक थकावट महसूस होने लगती है।
2. पैर के पंजे और टखनों में सूजन आ जाती है।
3. लंबे समय तक सर्दी या इससे संबंधित लक्षणों का बने रहना।
4. सीढ़ियां चढ़ते समय सांस फूलना।
5. चक्कर आना या महसूस होना।
6. पैदल चलते समय, पहले से ज़्यादा पसीना आने लगता है।
7. बायीं बाजू में या सीने में कभी-कभी दर्द महसूस होना।
इस लिए दोस्तों इन बातों का पूरा ध्यान रखें और लंबी आयु पाएं।
जयादातर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट बाथरूम में क्यों होते हैं?
दिल का दौरा पड़ने का कोई निश्चित समय नहीं होता है। लेकिन ज्यादातर हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट सुबह बाथरूम में होते हैं।
बाथरूम में हार्ट अटैक आने के कई कारण होते हैं, अगर आप इन कारणों के बारे में जान लें तो आप खुद को और अपने परिवार को इससे बचा सकते हैं।
आइए अब हम आपको बताते हैं कि सुबह बाथरूम में हार्ट अटैक क्यों आता है?
तो सबसे पहले समझें कि हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट क्या है?
विज्ञान की दृष्टि से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का सीधा संबंध हमारे रक्त से है। खून के जरिए हमारे शरीर में ऑक्सीजन (OXYGEN) और जरूरी पोषक तत्व पहुंचते हैं।
लेकिन जब आपके हृदय को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली धमनियों में प्लाक का निर्माण होता है, तो समस्याएं उत्पन्न होती हैं। जिससे दिल की धड़कन असंतुलित हो जाती है। इससे हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होता है।
जब हम सुबह शौच के लिए जाते हैं तो कई बार पेट को पूरी तरह से साफ करने का दबाव बनाते हैं। भारतीय शौचालय का उपयोग करते समय लोग अधिक दबाव डालते हैं। यह दबाव हमारे हृदय की धमनियों पर अधिक दबाव बनाता है। इससे हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
आपने हमेशा देखा होगा कि बाथरूम का तापमान हमारे घर के दूसरे कमरों से ज्यादा ठंडा होता है। इस स्थिति में शरीर के तापमान को संतुलित करने और रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए अधिक काम करना पड़ता है। यह हार्ट अटैक का एक कारण भी हो सकता है।
हमारा रक्तचाप सुबह के समय थोड़ा अधिक होता है। इस स्थिति में जब हम नहाने के लिए सीधे सिर पर ज्यादा ठंडा या गर्म पानी डालते हैं तो इससे ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है। यह दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाता है।
यदि आप भारतीय शौचालय का उपयोग करते हैं, तो एक ही स्थिति में अधिक समय तक न बैठें। इस तरह आप हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट से बच सकते हैं।
बाथरूम में नहाते समय पानी के तापमान का ध्यान रखते हुए सबसे पहले पैरों के तलवों को भिगोएं। इसके बाद सिर पर हल्का पानी डालें। यह तरीका आपको बचा सकता है। ज्यादा जोर न लगाएं और पेट साफ करने में जल्दबाजी न करें।
अगर आप नहाते वक्त बाथ टब या पानी में ज्यादा देर तक रहते हैं तो इसका असर आपकी धमनियों पर भी पड़ता है। इस स्थिति में बाथटब में ज्यादा देर तक न बैठें।
आशा है आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी।
हार्ट अटैक के मुख्य कारण आज कल का खान पान और रहन सहन हो गया है ,
खान पान से मतलब , बहार का खाना , ज्यादा oily ,ज्यादा फैट वाला खाना इनसे धीरे धीरे cholesterol बढ़ता है जो हमारी नसों को रोक देता है और दिल तक पर ज्यादा pressure आता है ,
रहन सहन से मतलब है की ज्यादा चलना फिरना , नहीं है , office के काम में busy होना , कम चलना फिरना , शरीर से पसीना न निकलना , ये सभी धीरे धीरे बॉडी को हार्ट अटैक की तरफ ले जाता है ,
अगर आपको ये पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो को शेयर कीजिए ताकि किसी की जान बच सके ,
Note : यह सभी जानकारी internet से जुटाई गयी है इसलिए किसी भी तरह की समस्या होने पर doctor की सलाह अवश्य ले
Heart Attack symptoms , advice and precaution ,
हार्ट अटैक के लक्षण , बचाव , हार्ट अटैक क्यों होता है
Comments
Post a Comment